DIABALIFE
A NATURAL APPROACH TOWARD DIABETES-FREE LIFE
DIABALIFE - A NATURAL APPROACH TOWARDS DIABETES-FREE LIFE |
डायबालाइफ क्या है? What is ON & ON's Diabalife?
भारतीय सनातन आयुर्वेद एवं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अध्ययनों द्वारा यह साबित हो चुका है कि लहसुन में पाया जाने वाला एलीसिन एक एंटी-डायबिटिक व एंटी-बायोटिक गुणों वाला घटक है।
यह अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं में इन्सुलिन के निर्माण व शरीर की अन्य कोशिकाओं में इन्सुलिन के समुचित उपयोग में मदद करता है।
एंटी-डायबिटिक प्रभाव के लिए शरीर में प्रतिदिन 125 मि.ग्रा. एलीसिन की आवश्यकता होती है, लेकिन यह लहसुन में अति-सूक्ष्म मात्रा में होता है, अर्थात इतनी मात्रा के लिए लहसुन की लगभग 36 कलियाँ (फांक) चाहिए।
साथ ही, एलीसिन गर्मी व एसिड के सम्पर्क में आने पर निष्क्रिय हो जाता है, अतः लहसुन को पकाकर खाने से यह नष्ट हो जाता है अर्थात एंटी-डायबिटिक प्रभाव के लिए कच्चा लहसुन खाना पड़ेगा।
लेकिन क्या लहसुन की 36 कच्ची कलियाँ खाना सम्भव है? शायद सबके लिए नहीं, मगर कच्चा खा लेने के बावजूद भी पेट के एसिड (जठर-रस या तेजाब) से एलीसिन नष्ट हो जायेगा।
इतनी बड़ी मात्रा में एलीसिन को आँतों के रास्ते अग्नाशय तक अप्रभावित रूप से पहुँचाना हो तो एक विशेष तकनीक का सहारा लेना पड़ता है जिसे एलीसिन स्टेबिलाइजेशन कहा जाता है।
इस तकनीक का अविष्कार यूरोप के वैज्ञानिक पीटर जोसलिंग द्वारा किया गया है जिन्हें गारलिक किंग कहा जाता है, यह तकनीक इन्होनें पेटेंट करवा रखी है, तथा भारत में केवल डायबालाइफ कैप्सूल ही इसके लिए अधिकृत है।
ऑन एंड ऑन के डायबालाइफ कैप्सूल में 100% स्टेबिलाईज्ड एलीसिन होता है, जो आमाशय (पेट) के एसिड से प्रभावित हुए बगैर आँतों से अवशोषित होकर अग्नाशय तक पहुँचता है।
एलिसिन के साथ साथ इस नोवेल फॉर्मूलेशन में गुडमार, दालचीनी, करेला, कत्था-सुपारी व नीम जैसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक पदार्थ होते हैं, जिन्हें आयुर्वेद व वैज्ञानिक अध्ययनों ने डायबिटीज जैसे कई मेटाबोलिक सिंड्रोम के नियंत्रण हेतु उत्तम बताया है।
डायबालाइफ में मौजूद जड़ी-बूटियों का नियमित सेवन से शरीर प्राकृतिक रूप से शर्करा नियंत्रण में सक्षम होता है तथा सामान्य बीमारियों के खिलाफ़ प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) बढ़ाने में मदद मिलती है।
संतुलित खुराक, नियमित कसरत, व संयमित जीवनशैली के साथ डायबालाइफ के नियमित सेवन से 6 से 9 माह में मधुमेह मुक्त हुआ जा सकता है।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए अपनी नियमित दवा के साथ-साथ डायबालाइफ का सेवन करें तथा नियमित दवा व डायबालाइफ के बीच कम से कम 1 घंटे का अंतर रखें।
क्या डायबालाइफ HbA1C व ब्लड शुगर दोनों पर काम करता है?
हां, डायबालाइफ में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों पर कई प्रयोगशाला अध्ययन किए गए हैं जो बताते है कि ये एचबीए1सी के साथ-साथ रक्त शर्करा पर बेहतर नियंत्रण करते हैं।
डायबालाइफ में मुख्य सामग्री (Ingredients) क्या हैं?
एक शाकाहारी कैप्सूल - 510 मि.ग्रा. में निम्न सामग्री होती है -
- लहसुन (एलियम सेटाईवम) - 125 मि.ग्रा. (100% स्टेबिलाईज्ड एलिसिन)
- मयूर शिखा (एलीफैंटस स्कैबर) - 21 मि.ग्रा.
- करेला (मोमोर्डिका चरंशिया) - 31.5 मि.ग्रा.
- पालक (स्पाइनासिया ओलेरेशिया) - 0.85 मि.ग्रा.
- दाल चीनी (सिनामोमम ज़ेलेनिकम) - 31.5 मि.ग्रा.
- गुडमार (जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे) - 235 मि.ग्रा.
- नीम (एजार्डिक्टा इंडिका) - 35 मि.ग्रा.
- कत्था-सुपारी (अरिका क्टेचु) - 30 मि.ग्रा.
डायबालाइफ बाजार में उपलब्ध अन्य डायबिटीज नियंत्रण उत्पादों से किस प्रकार भिन्न है?
डायबालाइफ में 100% स्टेबिलाईज्ड एलिसिन के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से सिद्ध व आयुर्वेद में वर्णित शक्तिशाली सामग्री संयोजन (पेटेंटेड फ़ॉर्मूला) होता है, जिसे 100% शाकाहारी कैप्सूल में पैक किया गया है।
डायबालाइफ किसके लिए उपयोगी है?
डायबालाइफ कैप्सूल प्री-डायबिटिक व डायबिटिक दोनों तरह के व्यक्तियों के लिए उपयोगी है। डायबालाइफ कैप्सूल सामान्य व्यक्तियों (जिनको डायबिटीज नहीं हो) को नहीं देना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को डायबालाइफ कैप्सूल अपनी नियमित दवा से 1 घंटे के अंतराल में लेना चाहिए।
डायबालाइफ की खुराक (Dose) क्या होती है?
- 1 कैप्सूल प्रतिदिन (यदि HbA1C - 9 या कम हो )
- 2 कैप्सूल प्रतिदिन (यदि HbA1C - 9 से अधिक हो)
- अथवा फिजिशियन की सलाह अनुसार
क्या डायबालाइफ सुरक्षित होता है? क्या डायबालाइफ के कोई साइड इफ़ेक्ट होते हैं?
CERTIFICATIONS FOR DIABETES |
डायबालाइफ का सेवन 100% सुरक्षित व साइड इफ़ेक्ट रहित होता है।
यह क्वालिटी काउंसल ऑफ़ इंडिया से आयुष प्रीमियम प्रमाण पत्र प्राप्त है।
इसमें चीनी नहीं मिलाई हुई होती है।
यह 100% शाकाहारी है।
यह NON-GMO Ingredients से बना हुआ है।
यह GMP (Good Manufacturing Practice) द्वारा प्रमाणित है।
यह GRAS (Generally Recognized As Safe) द्वारा प्रमाणित है।
अन्य दवाओं के साथ इसका सेवन सुरक्षित है।
डायबालाइफ लेते समय परहेज क्या रखें?
डायबालाइफ कैप्सूल लेते समय किसी विशेष परहेज की जरूरत नहीं होती, लेकिन डायबिटिक व्यक्ति को क्या खाना चाहिए (पथ्य) व क्या नहीं खाना चाहिए (अपथ्य) इसकी जानकारी आवश्यक है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
Important: डायबालाइफ कैप्सूल लेते समय अपनी अन्य दवाएं छोड़ें नहीं, उन्हें भी नियमित लेते रहिये, बस लगभग 1 घंटे का अन्तराल रखें।
डायबालाइफ कैप्सूल की पैकिंग
डायबालाइफ की एक पैकिंग में 30 शाकाहारी कैप्सूल होते हैं (3 Strips of 10 Capsules Each).
डायबालाइफ कैप्सूल की कीमत क्या होती है?
डायबालाइफ के एक पैकेट (30 कैप्सूल) की MRP Rs 2500 है।
डायबालाइफ कैप्सूल कहाँ से खरीदें?
डायबालाइफ कैप्सूल दो जगह से खरीद सकते हैं -
Mi Lifestyle Marketing Global PVT. LTD. कंपनी की अधिकृत वेबसाइट indiashoppe.com पर या कंपनी के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर से।
अथवा
हमसे सम्पर्क करें।
कृपया अन्य किसी ऑनलाइन प्लेटफार्म से नहीं खरीदें, आपके साथ धोखा हो सकता है।
Plz, contact us for more knowledge and benefits.