पथरी का आयुर्वेदिक इलाज - URIFLUSH-3
पथरी का आयुर्वेदिक इलाज करने वाली Element's Wellness की दवा URIFLUSH-3 में क्या खास है?
वैज्ञानिक शोधों द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया URIFLUSH-3 एक स्वादिष्ट तरल है, जिसमे सटीक व गुणवत्ता युक्त चयनित आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का एक नया संयोजन है।
मूत्र-तन्त्र की पथरी के आयुर्वेदिक इलाज के लिए URIFLUSH-3 जैसा घटक संयोजन बाजार में उपलब्ध किसी भी आयुर्वेदिक या अन्य उत्पाद में नहीं है।
URIFLUSH-3 न केवल तीनों प्रकार की पथरियों को गलाकर बाहर निकालने में उपयोगी है बल्कि पथरी को पुनः बनने से भी रोकती है। इसके अलावा URIFLUSH-3 मूत्र-तन्त्र के दर्द, संक्रमण आदि को सही करने में भी उपयोगी है।
URIFLUSH-3 के क्या फायदे/लाभ हैं?
- जिन लोगों के गुर्दे या मूत्रवाहिनियों में पथरी बनने की सम्भावना हो, उनमें यह दवा पथरी को बनने से रोकती है।
- जिन लोगों के गुर्दे या मूत्रवाहिनियों में पथरी पहले से ही बनी हुई है, उनमें यह दवा पथरी के आकार को धीरे-धीरे गला कर कम करती है, तथा मूत्र-मार्ग से बाहर निकालने में मदद करती है।
- गुर्दे या मूत्रवाहिनियों की तीनों प्रकार की पथरी को निकालने में यह दवा सक्षम है।
- पथरी के कारण पेट और पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिलाती है।
- पेशाब के उत्पादन में वृद्धि करके (मूत्रल/DIURETIC) एवं मूत्र की pH बढ़ा कर (URINARY ALKALISER) मूत्र तन्त्र के स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करती है, तथा पेशाब करते समय होने वाले दर्द में राहत दिलाती है।
- गुर्दे, मूत्रवाहिनियों व मूत्र पथ को संक्रमण व सूजन से बचाती है।
- एक बार पथरी बाहर निकलने के बाद पथरी को पुनः बनने से रोकती है।
- इस प्रकार URIFLUSH-3 एक ALL IN ONE फार्मूला है।
आदर्श घटक तत्व-
Liquid Uriflush-3
यह तरल इन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है -- सुपरस्टार जड़ी-बूटी कुलथ या कुलथी (मैक्रोटाइलोमा यूनिफोरम) - यह पथरी को गलाने व पुनः बनने से रोकने में मदद करती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, व मूत्रल (Diuretic) गुण भी होते हैं।
- गोखरू (ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस) - आयुर्वेद में गोखरू का उपयोग मूत्र-रोग, गुर्दों की समस्याओं, यौन समस्याओं, हृदयशूल, एक्जिमा, गठिया आदि के लिए वृहद् स्तर पर होता है।
- पाषाणभेद (रोटुला एक्वाटिका) - इस पौधे के सारे भाग सदियों से गुर्दे व मूत्राशय की पथरी के इलाज के लिए उपयोग हो रहे हैं।
- शल्लाकी (बोसवेलिया सेराटा) Gum Oleoresin - शल्लाकी / सलाय गुग्गल (Boswelia serrata) - आयुर्वेद में इसका उपयोग सूजन व दर्द कम करने के लिए, घाव भरने के लिए किया जाता है।
- पुनर्नवा (बोएरहाविया डिफ्यूसा)
- माउंटेन नॉट घास (एर्वा लानाटा) - इस जड़ी-बुटी का आयुर्वेद में मूत्राशय व गुर्दों की पथरी के लिए उपयोग होता है।
- गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) - गुडुची में प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे लोहा, जस्ता, तांबा, कैल्शियम, फास्फोरस व मैंगनीज एवं कई मेटाबोलाइट्स जैसे टेरपेन्स, एल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड व ग्लाइकोसाइड्स आदि पाये जाते हैं। गुडुची में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, ऑस्टियोप्रोटेक्टिव, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीडायरेहियल व एंटीस्ट्रेस गुण होते हैं।
- मुलेठी / यष्ठीमधु / Liquorice (ग्लाइसीर्रिजा ग्लबरा) - मुलेठी में इम्युनिटी-वर्धक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल आदि कई गुण होते हैं।
- हरिद्रा (कुरकुमा लोंगा) - इसके संक्रमण-रोधी गुण मूत्र-तन्त्र के संक्रमण को दूर करते हैं।
- अजवायन (ट्रेचिस्पर्मम एम्मी) तेल - इसमें भी एक विशिष्ट संक्रामक-विरोधी गुण होता है।
- शुद्ध शीलाजीत (एस्फाल्टम) - यह अन्य घटकों की जैव उपलब्धता तथा उनकी कार्य-क्षमता को बढाता है।
Tablets Uriflush-3 Plus -
URIFLUSH-3 PLUS टेबलेट में उपरोक्त घटकों के अलावा कदली व अपामार्ग अतिरिक्त होते हैं।- कदली (Musa paradisiaca व Musa sapientum) - कदली या केले के फल मूत्रमार्गशोथ, गठिया, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व हृदय संबंधी रोगों को ठीक करने के लिए खाए जाते हैं।
- अपामार्ग / चिरचिटा / लटजीरा (Achyranthes aspera) - यह पथरी को गलाकर बाहर निकालने व पथरी के दर्द में बहुत लाभकारी होता है। आयुर्वेद में अपामार्ग का उपयोग, मूत्र रोग, घाव सुखाने, पाचनतंत्र विकार, खांसी, चर्म रोग, दांतों के रोग आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
URIFLUSH-3 के रिजल्ट्स -
URIFLUSH-3 के उपयोग से हमने हजारों रिजल्ट लिए हैं तथा 20 mm तक की पथरी को गलाकर बाहर निकालने में सफलता पाई है।
आप यू-ट्यूब या गूगल पर सर्च कीजिये, आपको वहां URIFLUSH-3 के सैंकड़ों रिजल्ट मिल जायेंगें।
यहाँ तक कि हमने URIFLUSH-3 का रिजल्ट प्रोस्टेट की समस्या के कुछ मरीजों व पित्ताशय की पथरी के कुछ मामलों में भी लिया है, हालाँकि, कंपनी द्वारा इन दोनों ही स्तिथियों के लिए URIFLUSH-3 के उपयोग हेतु कोई सलाह नहीं दी गयी है।
URIFLUSH-3 की खुराक व परहेज
URIFLUSH-3 की खुराक -
LIQUID URIFLUSH-3 -
सुबह-शाम दोनों समय भोजन से लगभग आधा घंटा पहले 10 ml (दो ढक्कन) दवा छः ढक्कन (30 ml) पानी के साथ लें।
URIFLUSH-3 PLUS TABLETS -
सुबह-शाम दोनों समय भोजन से लगभग आधा घंटा पहले 1 टेबलेट लें।
URIFLUSH-3 लिक्विड लें या टेबलेट?
पथरी का आकार 10 mm से छोटा होने पर आप अपनी पसंद व सुविधा अनुसार दोनों में से कोई भी एक ले सकते हैं, परन्तु इससे बड़ी पथरी होने पर दोनों का साथ में सेवन अधिक फायदेमंद रहता है।
परहेज व अन्य सावधानियां -
- पर्याप्त मात्रा में पानी (2-4 लीटर प्रतिदिन) व फलों का ज्यूस पिएं।
- टमाटर, केला, पत्ता-गोभी, चीज, पनीर, अधिक मात्रा में दही, अत्यधिक कॉफ़ी, नमक, कैल्शियम व अन्य मिनरल सप्लीमेंट का सेवन कम करें या कुछ समय के लिए बंद करें।
- शराब, धुम्रपान, तम्बाकू का सेवन नहीं करें।
- तनाव-मुक्त जीवन जीने के लिए योग व ध्यान आदि करें।
- शरीर में पथरी को गलाना, उसे मूत्राशय में लाना व शरीर से बाहर निकालना एक धीमी प्रक्रिया होती है, अतः कम से कम 2 महीनों तक URIFLUSH-3 का सेवन करें, तत्पश्चात लक्षण गायब होने व जाँच में पथरी नहीं पाई जाने पर इसका सेवन बंद कर सकते हैं।
- अगर पथरी की वजह से होने वाला दर्द असहनीय हो या मरीज की स्तिथि गम्भीर हो तो पहले अपने फिजिशियन से सम्पर्क करें।
- अलग-अलग व्यक्तियों में अलग- अलग परिणाम प्राप्त हो सकते हैं, हम किसी तरह की कोई गारंटी नहीं देते हैं।
पथरी क्या होती है, क्यों बनती है, कितने प्रकार की होती है आदि के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
URIFLUSH-3 की पैकिंग
URIFLUSH-3 LIQUID - 200 ml बोतल।URIFLUSH-3 PLUS TABLETS - 60 टेबलेट का डिब्बा।
URIFLUSH-3 की कीमत क्या है?
URIFLUSH-3 LIQUID एक बोतल की MRP Rs 475 है, तथा URIFLUSH-3 PLUS TABLETS के एक डिब्बे की MRP Rs 1100 है।नोट -
URIFLUSH-3 की अन्य विशेषताएं
- URIFLUSH-3 भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयुष प्रीमियम प्रमाण-पत्र प्राप्त है।
- सभी घटक शुद्ध शाकाहारी होते हैं।
- इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है।
- अन्य दवाओं के साथ इसका सेवन सुरक्षित है।
- इसका निर्माण (Manufacturing) सूर्या हर्बल लिमिटेड, नॉएडा द्वारा किया गया है।
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