मौसमी एलर्जी: घरेलू उपचार, आहार एवं जीवनशैली टिप्स
मौसमी एलर्जी या एलर्जिक जुकाम या नजला (Hay Fever or Allergic Rhinitis) की वजह से अधिकांश लोगों की दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित हो सकती है।
लगातार छींकें, बंद नाक, आंखों में जलन या खुजली आदि लक्षणों की वजह से लोगों का खुशनुमा जीवन असुविधाजनक हो सकता है।
हालांकि, एलर्जी के इलाज हेतु बहुत से लोग अपने चिकित्सक से या मेडिकल स्टोर से सम्पर्क करके दवाएं लेते है, लेकिन कुछ सजग लोग विकल्प के तौर पर प्राकृतिक या घरेलू उपचार (Natural Remedies) एवं आहार में बदलाव (Dietary Modifications) की जानकारी तलाशने पर अधिक ध्यान देते हैं।
इस लेख में, दवा पर पूरी तरह से निर्भर हुए बिना मौसमी एलर्जी को कम कर सकने वाले विभिन्न तरीकों की जानकारी आसान शब्दों में दी जा रही है, आशा है आपके काम आएगी।
इस लेख को अंत तक पढ़कर हमें बताएं कि यह जानकारी आपको कैसी लगी, इसमें किसी सुधार की आवश्यकता है तो बेहिचक बताएं, अथवा आपको कोई अन्य जानकारी चाहिए तो भी आप यहाँ कमेंट करके पूछ सकते हैं।
Table Of Contents
- Introduction मौसमी एलर्जी क्या होती है?
- Understanding seasonal allergies मौसमी एलर्जी शरीर को कैसे प्रभावित करती है?
- Common symptoms of seasonal allergies मौसमी एलर्जी के सामान्य लक्षण
- Causes of seasonal allergies मौसमी एलर्जी के कारण
- Natural remedies for seasonal allergies मौसमी एलर्जी के लिए प्राकृतिक उपचार
- Dietary modifications for seasonal allergies मौसमी एलर्जी के लिए आहार परिवर्तन
- Lifestyle changes to manage seasonal allergies मौसमी एलर्जी के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करें?
- Conclusion
- FAQs
1. मौसमी एलर्जी क्या होती है? (एक परिचय)
मौसमी एलर्जी हमारे शरीर द्वारा पर्यावरण में मौजूद एलर्जी कारक तत्वों (एलर्जन Allergens) जैसे परागकण, मोल्ड बीजाणु, या धूल के कण आदि के विरूद्ध दर्शायी जाने वाली अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रियाएं होती है।
इस तरह के एलर्जन जब नाक, आंख या गले के श्लेष्म झिल्ली के संपर्क में आते हैं, तो वे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) को जगा देते हैं / सक्रिय कर देते हैं, जिससे हिस्टामाइन एवं अन्य रसायन निकलते हैं जो कि एलर्जी के लक्षण पैदा करते हैं।
हालांकि, एंटीहिस्टामाइन जैसी दवाएं इन लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन लगातार उपयोग से इनके दुष्प्रभाव हो सकते हैं अतः कुछ व्यक्ति एलर्जी को प्रबंधित करने के लिए प्राकृतिक उपचार या आहार परिवर्तन पसंद करते हैं।
2. मौसमी एलर्जी शरीर को कैसे प्रभावित करती है? (Understanding seasonal allergies)
प्राकृतिक उपचार और आहार में बदलाव करने से पहले, यह जानना व समझना जरुरी है कि मौसमी एलर्जी शरीर को कैसे प्रभावित करती है?एलर्जन के संपर्क में आने पर, प्रतिरक्षा प्रणाली उनकी हानिकारक पदार्थों के रूप में पहचान करती है तथा इम्यूनोग्लोबुलिन ई (IgE) नामक एंटीबॉडी उत्पन्न करती है।
ये एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली की कुछ विशेष कोशिकाओं से जुड़ जाती हैं, जैसे मस्तूल कोशिकाएं (mast cells), जो श्वसन तन्त्र की श्लेष्म झिल्ली में प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं।
इन एलर्जन के दुबारा संपर्क में आने पर, मास्ट कोशिकाएं हिस्टामाइन छोड़ती हैं, जिससे सूजन और मौसमी एलर्जी के अन्य लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं।
शरीर की इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं? विस्तृत जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें 👉 Immunity क्या होती है?
3. मौसमी एलर्जी के सामान्य लक्षण (Common symptoms of seasonal allergies)
मौसमी एलर्जी के लक्षण हल्के या गंभीर दोनों तरह के हो सकते हैं।मौसमी एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं -
छींकना (Sneezing) -
छींक नाक से जलन पैदा करने वाले पदार्थों को बाहर निकालने हेतु एक प्रतिवर्ती प्रतिक्रिया होती है। मौसमी एलर्जी से प्रभावित व्यक्तियों को अक्सर बार-बार, बेकाबू छींकें आती रहती है।
बहती नाक (Runny nose) या बंद नाक (nasal congestion/stuffy nose) -
नासिका मार्ग में अतिरिक्त बलगम के उत्पादन से नाक बहती है या बंद हो जाती है, जिससे बेचैनी और सांस लेने में कठिनाई होती है।
आंखों में जलन / खुजली या पानी टपकना (Itchy or watery eyes) -
एलर्जी से आंखों में खुजली, लाली एवं अत्यधिक अश्रु-स्राव हो सकता है।
खांसी व पोस्टनेजल ड्रिप (Coughing and postnasal drip) -
एलर्जी की वजह से लगातार खांसी और गले के पीछे बलगम टपकने का अहसास हो सकता है।
थकान (Fatigue) -
शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया एवं बंद नाक के कारण खराब नींद की वजह से मौसमी एलर्जी थकान और सुस्ती का कारण बन सकती है।
सिरदर्द (Headache) -
साइनस कंजेशन और दबाव के कारण कुछ लोगों को सिरदर्द या चेहरे में दर्द का अनुभव हो सकता है।
4. मौसमी एलर्जी के कारण (Causes of seasonal allergies)
मौसमी एलर्जी तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर्यावरण में मौजूद एलर्जन के प्रति प्रतिक्रिया करती है।मौसमी एलर्जी के सामान्य ट्रिगर्स या कारक इस प्रकार हैं -
परागकण (Pollen Grains) -
पेड़, घास, खरपतवार आदि के परागकणों से मौसमी एलर्जी हो सकती है। क्षेत्र और वर्ष के समय के आधार पर विशिष्ट प्रकार के अलग-अलग परागकण हो सकते हैं।
मोल्ड बीजाणु (Mold spores) -
मोल्ड बीजाणु नम वातावरण में पनपते हैं तथा साँस के साथ नाक में पहुँचने पर एलर्जी कर सकते हैं।
धूल - कण (Dust mites) -
ये सूक्ष्म जीव घर की धूल में रहते हैं तथा साल भर एलर्जी पैदा कर सकते हैं, हालांकि मौसम विशेष में इनका प्रभाव अधिक हो सकता है।
पालतू जानवरों की रूसी (Pet dander) -
पालतू जानवरों की रूसी से एलर्जी होना आम है, विशेषकर रूसी के शेडिंग सीजन के दौरान।
आइए अब, मौसमी एलर्जी को कम करने में मदद करने वाले विभिन्न प्राकृतिक उपचार एवं आहार संशोधन या परिवर्तन की जानकारी लेते हैं।
5. मौसमी एलर्जी के लिए प्राकृतिक उपचार (Natural remedies for seasonal allergies)
स्थानीय शहद (Local honey)
स्थानीय शहद को मौसमी एलर्जी के प्राकृतिक उपचार के लिए अच्छा माना जाता है। यह माना जाता है कि स्थानीय शहद के साथ थोड़ी मात्रा में स्थानीय परागकण भी शरीर में जाते हैं तथा धीरे-धीरे शरीर इन एलर्जन के विरूद्ध प्रतिक्रियाओं को कम कर देता है।हालांकि, इस मत के पक्ष में अधिक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, फिर भी कुछ लोग इस घरेलू इलाज से फ़ायदा होना स्वीकार करते हैं।
कृपया ध्यान दें - एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए।
क्वेरसेटिन युक्त खाद्य पदार्थ (Quercetin-rich foods)
क्वेरसेटिन एक फ्लेवोनॉयड है जो कुछ फलों, सब्जियों और जड़ी-बूटियों में पाया जाता है।इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं तथा यह मस्तूल कोशिकाओं (Mast cells) से हिस्टामाइन निकलने को नियंत्रित करने में मदद कर सकता हैं।
सेब, बेरीज, जामुन, खट्टे फल, प्याज, ब्रोकोली और पत्तेदार सब्जियों में क्वेरसेटिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
इन खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने से मौसमी एलर्जी के लक्षणों से कुछ राहत मिल सकती है।
जल-नेति या नाक कुल्ला (Neti Pot or Nasal Rinses)
जल-नेति या नेति पॉट यानि आसुत जल (Distilled Water) या सेलाइन वाटर से नाक कुल्ला या नाक मार्ग की सिंचाई से एलर्जन व बलगम को बाहर निकाला जा सकता है, जिससे बंद नाक में आराम मिलता है।कृपया ध्यान दें - किसी भी अवांछित खतरे से बचने के लिए स्टेराइल सेलाइन वाटर या आसुत जल (Distilled Water) का उपयोग करें एवं उचित हाइजीन प्रक्रियाओं का पालन करें।
प्रोबायोटिक्स
शोधों से पता चला है कि आंत बैक्टीरिया का एक स्वस्थ संतुलन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने व एलर्जी प्रतिक्रियाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, केफिर, और सॉकरक्राट, एवं प्रोबायोटिक सप्लीमेंट के सेवन से आंत के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है तथा मौसमी एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
विटामिन सी
विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे संतरे, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, कीवी आदि के सेवन से मौसमी एलर्जी में कुछ राहत मिल सकती है।
कृपया ध्यान दें - विटामिन सी की खुराक की उच्च खुराक से कुछ व्यक्तियों में पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संयम बरतें।
बटरबर (Butterbur)
बटरबर नामक जड़ी-बूटी का उपयोग परंपरागत रूप से एलर्जी सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि बटरबर अर्क में दाह-रोधी (anti-inflammatory) और एंटीहिस्टामाइन गुण हो सकते हैं, जिससे यह मौसमी एलर्जी के लिए एक अच्छा प्राकृतिक उपचार विकल्प हो सकता है।
इसके उपयोग से पहले कृपया ध्यान दें - प्रमाणित बटरबर अर्क का ही उपयोग किया जाना चाहिए, साथ ही अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
6. मौसमी एलर्जी के लिए आहार परिवर्तन (Dietary modifications for seasonal allergies) एलर्जी को खत्म करने के लिए क्या खाना चाहिए?
प्राकृतिक उपचारों के अलावा, आहार में बदलाव करके मौसमी एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है व इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता है।
आइये जानते हैं कि एलर्जी में क्या क्या खाना चाहिए? व एलर्जी में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
सूजनरोधी खाद्य पदार्थ
सूजनरोधी खाद्य पदार्थ (anti-inflammatory foods) एलर्जी प्रतिक्रियाओं को कम कर सकते हैं।हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैतून का तेल (Olive oil) आदि खाद्य पदार्थों में सूजनरोधी गुण वाले यौगिक होते हैं तथा ये प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछलियों एवं अलसी व अखरोट में पाए जाने वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड में सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं।इन खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने से सूजन व मौसमी एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
यदि आप अपनी खुराक से पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 नहीं ले पाते हैं, तो मछली-तेल पूरक (fish oil supplement) का सेवन कर सकते हैं, लेकिन पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
एलर्जी कारक खाद्य पदार्थों व ट्रिगर फूड्स से परहेज करें
मौसमी एलर्जी कारक खाद्य पदार्थों की पहचान हो चुकी है तो उनके सेवन का परहेज करें, साथ ही ट्रिगर फूड्स (क्रॉस-रिएक्टिविटी करने वाले खाद्य पदार्थ) से भी परहेज करें।
जैसे, सन्टी पराग (birch pollen) से एलर्जी वाले लोगों में सेब, गाजर, या बादाम खाने से भी एलर्जी हो सकती है।
अतः ट्रिगर खाद्य पदार्थों की पहचान करना और उनसे बचना एलर्जी प्रतिक्रियाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
7. मौसमी एलर्जी कम करने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करें? (Lifestyle changes to manage seasonal allergies)
मौसमी एलर्जी को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक उपचार और आहार में बदलाव के अलावा, जीवनशैली में बदलाव करना भी महत्वपूर्ण होता है।
निम्नलिखित जीवनशैली अपनाने पर ध्यान दें -
खिड़कियां बंद रखें
परागकणों की अधिकता वाले मौसम में खिड़कियां बंद रखने से आपके घर में एलर्जन के प्रवेश को कम किया जा सकता है।इसके अलावा, एयर कंडीशनिंग (AC) का उपयोग करें अथवा इनडोर हवा को साफ करने के लिए उच्च दक्षता वाले HEPA (high-efficiency particulate air) फिल्टर का उपयोग करें।
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
HEPA फिल्टर युक्त एयर प्यूरीफायर घर के अंदर की हवा से एलर्जन को कम कर सकते हैं, तथा एलर्जी के लक्षणों से राहत प्रदान करने में सहायक हो सकते हैं।अपने बिस्तर नियमित रूप से धोएं
परागकण बिस्तर से चिपक सकते हैं, एवं नींद के दौरान एलर्जी को बढ़ा सकते हैं।अपनी चादरें (Bed-sheets), तकिए के गिलाफ (pillowcases/pillow-covers) और कंबल को नियमित रूप से गर्म पानी में धोने से एलर्जन कम हो जाते हैं साथ ही सोने के लिए एक स्वच्छ वातावरण मिल जाता है।
पालतू जानवरों को साफ रखें Keep pets clean
पालतू जानवरों की रूसी कुछ व्यक्तियों में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकती है।पालतू जानवरों को नियमित रूप से नहलाने (bathing) व संवारने (grooming) से आपके घर में रूसी की मात्रा को कम किया जा सकता है, जिससे एलर्जी का खतरा कम हो सकता है।
सिद्धयोग ध्यान करें
सुबह-शाम खाली पेट 15 मिनट के लिए नियमित रूप से सिद्धयोग ध्यान करें। सिद्धयोग ध्यान एक आसान एवं स्वतः होने वाला ध्यान है, जो कि आप घर बैठे सीख सकते हो, स्वयं कर सकते हो, और इसमें किसी तरह की कोई पाबन्दी नहीं होती है।
सिद्धयोग ध्यान समन्धित अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिये या search box में सिद्धयोग ध्यान लिख कर एंटर बटन दबाइए। 👉 ( 🔍 सिद्धयोग ध्यान )
8. निष्कर्ष
मौसमी एलर्जी से काफी असुविधा हो सकती है, मगर प्राकृतिक उपचार, आहार व जीवनशैली में बदलाव से राहत भी मिल सकती है और दवा पर निर्भरता कम हो सकती है।- स्थानीय शहद, क्वेरसेटिन युक्त खाद्य पदार्थ, जल-नेति, प्रोबायोटिक्स, विटामिन सी, बटरबर आदि से एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- इसके अलावा, सूजनरोधी खाद्य पदार्थ व ओमेगा -3 फैटी एसिड का सेवन बढ़ाने तथा ट्रिगर खाद्य पदार्थों से परहेज रखके प्रतिरक्षा स्वास्थ्य (इम्युनिटी) को अधिक बेहतर बनाया जा सकता है।
- जीवनशैली में बदलाव जैसे खिड़कियां बंद रखना, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना, नियमित रूप से बिस्तर धोना और पालतू जानवरों को साफ रखना एलर्जन के संपर्क को कम कर सकता है।
9. Disclaimer
यहाँ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन सबके व्यक्तिगत नतीजे भिन्न हो सकते हैं, साथ ही आहार या जीवन शैली में परिवर्तन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
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