स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से थकी आँखों को कैसे आराम दें? आंखों की देखभाल के 10 टिप्स!!
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से थकी आँखों को कैसे आराम दें? तो इस पोस्ट में दिए गये आंखों की देखभाल के 10 टिप्स व अन्य जानकारी से आपको काफ़ी मदद मिल सकती है।
स्मार्ट स्क्रीन व आंखों की देखभाल - 10 टिप्स |
आंखें किसी भी व्यक्ति के रूप-रंग का सबसे खूबसूरत हिस्सा होती हैं, बशर्ते कि उनकी देखभाल अच्छी तरह से की जाए।
हमारी आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, बिना आंखों के हमारी रोजमर्रा की जिंदगी बहुत अधिक प्रभावित होती है।
चूँकि आंखें विशेष होती है अतः इनकी देखभाल करने की भी विशेष जरूरत होती है।
हमारी आंखें (Understanding Eyes) -
हमारी आंखें हमेशा झपकती रहती है, क्यों? आंखों को नम व चिकना रखने के लिए।
आंखों से पानी आना - जब कोई बाहरी चीज आंखों में जाती है, तो उसे बाहर निकालने या बेअसर करने के लिए आंखों से पानी या आंसू आने लगते है।
आंखों के पास अश्रु-ग्रन्थियां (Lacrimal Glands) होती है जो आंसू स्रावित करती है। आंसू एक सेलाइन लिक्विड होता है जो आंखों को इन्फेक्शन से बचाता है (एंटी-बैक्टीरियल) तथा नम रखता है (सूखने से बचाता है - सुखी आंखों में इन्फेक्शन जल्दी होता है)।
उम्र बढने के साथ-साथ आंखें या तो ज्यादा शुष्क होती जाती है या फिर अत्यधिक जलीय होती जाती है, दोनों ही स्तिथियाँ सही नहीं होती है।
आंखों की रोशनी खराब होने के कारण -
हमारी असंयमित जीवनशैली व कार्य आंखों के स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं।
आंखों की रोशनी खराब होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं -
मल्टीमीडिया व स्मार्ट स्क्रीन -
वर्तमान डिजिटल युग में हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा स्मार्ट स्क्रीन के अधिक उपयोग की "Not Too Smart" आदत है।
मल्टीमीडिया व स्मार्ट स्क्रीन हमारे जीवन की बहुत ही महत्वपूर्ण, जरूरी व अभिन्न अंग बन चुके हैं, चाहे मोबाइल हो, लैपटॉप, पीसी, टेबलेट या टीवी हो हम हर वक्त किसी न किसी स्क्रीन का उपयोग कर रहे होते हैं। इन सबसे हम दिन भर ब्लू लाइट के सामने रहते हैं, जो कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है।
लगातार स्मार्ट स्क्रीन को देखते रहने से रेटिना की रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है एवं आंखों की अन्य समस्याएं जैसे निकट दृष्टिदोष व बुढ़ापे में होने वाली दृष्टिहीनता का कम उम्र में होने का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से निम्न समस्याएं हो सकती है -
- आंखों की नमी कम होना या शुष्क होना, लाल होना तथा आंखों में खुजली व जलन होना (ड्राई आई सिंड्रोम)।
- धुंधला दिखाई देना।
- आंखों में थकावट या दर्द महसूस होना (Digital Eye Strain - DES)।
- कुछ लोगों में प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जिससे धूप में जाने पर आंखों से पानी निकलने लगता है एवं आंखों में खिंचाव महसूस होता है।
- गर्दन व कन्धों में दर्द होना।
- पढ़ने में तकलीफ़ होना।
- सर में दर्द होना व चक्कर आना।
आंखों का पर्यावरणीय प्रदूषण के संपर्क में आना -
सिगरेट का धुआं, व अन्य वायुजनित प्रदूषण आंखों को क्षति पहुंचाते हैं जिससे आंखें लाल हो जाती है, व पानी आने लगता है। अंधापन भी हो सकता है।
पोषक तत्वों की कमी या खराब नेत्र पोषण -
कौनसा विटामिन आंखों की सेहत के लिए सबसे जरुरी होता है (Which vitamin is good for eyesight?) - विटामिन ए। इसकी कमी से आंखें लाल हो जाती है, धुंधला दिखता है या रात को नहीं दिखता है (Night Blindness), आंखों की कोशिकाओं का पुनर्निर्माण या मरम्मत कार्य बाधित हो जाता है।
इसके अलावा विटामिन डी भी नेत्र ज्योति के लिए अच्छा होता है। इसकी कमी आंखों की समस्याओं का कारण बन सकती है। घर के अंदर अधिक समय बिताने व गतिहीन जीवन शैली वाले लोगों में विटामिन डी की कमी का खतरा अधिक होता है। विटामिन डी के निम्न स्तर से ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसे विभिन्न नेत्र रोगों हो सकते हैं।
अन्य पोषक तत्व जैसे ल्यूटिन, विटामिन सी, लाइकोपीन (टमाटर में पाए जाने वाले), एंटीऑक्सिडेंट, जस्ता, तांबा आदि की कमी से ग्लूकोमा हो सकता है, जिससे ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचता है तथा स्थाई अंधापन भी हो सकता है।
नींद की कमी -
नींद की कमी से आँखों की पुतलियाँ का ठीक से फैलना व रेटिना पर प्रकाश केंद्रित करना कठिन हो जाता है।
बढ़ती उम्र -
अधिकांश अंगों की तरह, हमारी आंखें भी उम्र बढ़ने के साथ-साथ बूढ़ी होती हैं तथा कई समस्याएं होती जाती हैं।
आंखों की रोशनी खराब होने के अन्य कारण -
- बिना ब्रेक के लंबे समय तक पढ़ना।
- लम्बे समय तक चश्मा नहीं बदलना यानि चश्मे के नंबर जाँच नहीं करवाना।
- अपरिचित सुगंध व इत्र के संपर्क में आने से हमारी आंखों में जलन होती है।
- बार-बार आँख मसलने / रगड़ने (Rubbing) की आदत।
- आंखों का संक्रमण जैसे नेत्रश्लेष्मलाशोथ (कंजंक्टिवाइटिस)।
- अन्य बीमारियाँ जैसे मधुमेह, उच्च रक्त-चाप आदि से भी आँखों को क्षति हो सकती है।
आंखों की देखभाल कैसे करें (How to Improve Eyesight or Vision)?
अपनी आंखों की अच्छी तरह से देखभाल करें क्योंकि आप उन्हें फिर से प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
आंखों की देखभाल न केवल आपकी दृष्टि के लिए बल्कि यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी जरुरी है।
क्या आप आंखों की रोशनी बढ़ा सकते है? Can your eyesight get better?
इसका जवाब है - "हाँ "
कैसे?
आइये जानते हैं...
स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से थकी आँखों को कैसे आराम दें?
मल्टीमीडिया डिवाइस का बुद्धिमानी से उपयोग करके हम महत्वपूर्ण जानकारियां ले सकते हैं तथा हमारे कार्यों की उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं। लेकिन, आंखों को कोई स्थायी क्षति न हो उसके लिए हमें अपने डिजिटल यंत्रों का संतुलित उपयोग करना चाहिए।
स्क्रीन टाइम व 20/20/20 नियम -
आप प्रतिदिन अपने स्मार्टफोन, स्मार्ट टी.वी, टैबलेट या कंप्यूटर स्क्रीन पर कितना समय व्यतीत कर रहे हैं?
हम में से बहुत से लोगों का जवाब होगा - जरूरत से ज्यादा या पूरा दिन।
यह हानिरहित लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे अपनी आंखें कमजोर हो रही हैं।
डिजिटल उपकरणों का उपयोग प्रतिदिन कितने घंटे करना चाहिए, इसके लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है, क्योंकि आंखों व दृष्टि की क्षति कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे उम्र, स्क्रीन का प्रकार व इसकी आंखों या चेहरे से दूरी आदि।
लेकिन, यह कहना शायद सही होगा कि वयस्कों को दो घंटे से अधिक समय स्क्रीन पर नहीं बिताना चाहिए, तथा जिनको अधिक समय तक स्क्रीन पर काम करना जरुरी होता है उन्हें इस दौरान बीच-बीच में अपनी आँखों को थोड़ा विराम या ब्रेक देना चाहिए।
20/20/20 नियम का पालन करें - जब आप लंबे समय तक स्क्रीन के सामने हों, तो इस नियम पर विचार करें। स्क्रीन पर हर 20 मिनट बिताने के बाद 20 फीट या उससे अधिक दूरी पर 20 सेकंड के लिए कुछ देखें।
स्क्रीन से आंखों की दूरी -
मोबाइल, टीवी, लैपटॉप आदि से उचित दूरी बना कर रखें। स्क्रीन से आपकी आंखों की दूरी 16 इंच से अधिक व खिड़की, लैंप आदि के प्रकाश से कम से कम 20-24 इंच होनी चाहिए।
कंप्यूटर मॉनिटर की ऊंचाई आपकी आंखों के स्तर पर होनी चाहिए ताकि यह लंबे समय तक आंखों पर दबाव न डाले।
स्क्रीन की रोशनी से आंखों की सुरक्षा -
यदि आपको ऑनलाइन या टीवी पर वीडियो देखने में आनंद आता है, तो ब्राइटनेस (चमक) व कंट्रास्ट सेटिंग्स को कम करें तथा बीच-बीच में कमरे में दूरी पर रखी किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करें।
स्क्रीन के नीले प्रकाश को कम करने के लिए एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग वाले या एंटी-ब्लू लाइट लेंस वाले चश्में पहनें। ये लेंस आंखों के तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
आंखों को तेज रोशनी के असर से बचने के लिए कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें, यह आंखों के तनाव से तुरंत राहत देगा ताकि आप बिना दबाव के काम करना जारी रख सकें। अथवा गुनगुने आई पैड का उपयोग भी कर सकते हैं।
कंप्यूटर स्क्रीन - उच्च रिज़ॉल्यूशन, 75Hz या अधिक के कंप्यूटर स्क्रीन का उपयोग करें। यदि संभव हो तो, कंप्यूटर स्क्रीन की चकाचौंध से आंखों के तनाव को रोकने के लिए एंटी-ग्लेयर मैट स्क्रीन का उपयोग करें।
मोबाइल स्क्रीन - फोन की ब्राइटनेस समायोजित करें। घर या इनडोर में चमक कम करें, या ऑटो-ब्राइटनेस और नाइट मोड विकल्प चुनें। आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए टेक्स्ट मैसेज के टेक्स्ट साइज को बढ़ा कर (ज़ूम कर) पढ़ें।
चूंकि हमारी आँखे प्राकृतिक आकार को पढने में अधिक सक्षम व सहज होती है, अतः विशेषज्ञ स्क्रीन की बजाय समाचार पत्रों व पत्रिकाओं को पढ़ने की सलाह देते हैं। हालांकि कुछ स्क्रीन में बेहतर रिज़ॉल्यूशन व कंट्रास्ट स्तर होते हैं, फिर भी कागज पर छपे प्रिंट को पढ़ना अधिक बेहतर होता है।
चूँकि डिजिटल स्क्रीन्स आधुनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है, अतः इनके उपयोग को बंद या कम किया जाना मुमकिन नहीं है, ऐसे में नेत्रों की देखभाल के लिए हमें एक विशेष उत्पाद चाहिए जो स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग के कारण आंखों की क्षति को रोकने में मदद करता हो तथा आंखों को फिर से उर्जावान एवं सक्रिय करता हो।
अगर आप भारत में वाणिज्यिक रूप से सम्भवतः पहली बार उपलब्ध आयुर्वेदिक आई ड्रॉप जो स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से थकी आँखों को आराम दे, की जानकारी चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या हमसे सम्पर्क करें।
नेत्र पोषण (Foods to improve eyesight or foods good for eyes) -
विटामिन ए की प्रचुरता वाली सब्जियां व फल खाएं, जैसे गाजर, कद्दू, शक्करकंद, पपीता, ब्लूबेरी, पत्तेदार सब्जियां, स्पिरुलिना आदि।
विशेषज्ञों के अनुसार सर्दी हो गर्मी हमें रोजाना कम से कम 15 मिनट धूप में रहना चाहिए, ताकि शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे। सूरज की रोशनी के अलावा कुछ खाद्य पदार्थ व पूरक (सप्लीमेंट) से विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है।
ग्लूकोमा से होने वाली क्षति को रोकने के लिए एंटीऑक्सिडेंट विशेष रूप से सहायक होते हैं।
अन्य पोषक तत्व जैसे ल्यूटिन, विटामिन सी, लाइकोपीन, जस्ता, तांबा आदि की पूर्ति के लिए पर्याप्त फल-सब्जियां खाएं अथवा उपयुक्त विटामिन-मिनरल सप्लीमेंट्स लें।
अगर आप शुद्ध शाकाहारी आयुर्वेदिक विटामिन-मिनरल सप्लीमेंट्स (विटामिन - ए, विटामिन - डी, विटामिन - सी, स्पिरुलिना, ब्लूबेरी, एंटीऑक्सिडेंट व आंखों के लिए उपयोगी अन्य पोषक तत्व) की अधिक जानकारी चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या हमसे सम्पर्क करें।
उबाऊ जीवन शैली से बचें -
असंयमित जीवन शैली, आलस व अनभिज्ञता की वजह से अधिकांश लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें ग्लूकोमा या कोई अन्य समस्या है, अतः ज्यादा देरी न करते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच अवश्य करवाएं।
इसके साथ ही कुछ स्वस्थ आदतें जैसे पुस्तक पढ़ना, पर्याप्त पानी पीना, व्यायाम करना आदि को अपनाएं जिससे आप न केवल बहुत अच्छा महसूस करेंगे, बल्कि ग्लूकोमा व नजर की किसी अन्य समस्या के संभावित खतरे को भी दूर कर सकते हैं।
बढ़ती उम्र व बूढ़ी होती आंखें -
चूंकि हम समय को बीतने से व उम्र को बढ़ने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन अपनी आंखों की अच्छी देखभाल करके उम्र के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं (ताकि ग्लूकोमा व मोतियाबिंद जैसी स्थितियों का पता लग सके), धूप के मौसम में धूप का चश्मा पहनें, एवं अपनी आंखों को धुएं या धुंध से बचाएं।
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सुबह की सैर व आंखों का स्वास्थ्य -
सुबह की सैर में हरियाली को निहारें, व नंगे पांव हरी घास या दूब पर चलें, इससे आंखों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
आंखों की कसरत -
आंखों की कसरत (Eye exercises to improve vision fast) करें, जैसे आई बॉल को गोल-गोल घुमाना (Rotate करना), दायें-बाएं देखना, नेत्र-गोलक से 8 का अंक (Figure 8) बनाना, बार- बार झपकाना (Blinking) आदि।
आंखों की देखभाल के लिए अन्य 10 टिप्स -
- बार-बार अपनी पलकों को झपकाते रहें ताकि आंखों में नमी बनी रहे, आंखों को रगड़े नहीं।
- शुष्कता दूर करने के लिए आवश्यकतानुसार कृत्रिम आँसू का उपयोग करें।
- अपनी आंखों व चश्मे की नियमित अंतराल पर जाँच करवाएं।
- कमरे में पर्याप्त रोशनी रखना निश्चित करें।
- आँखों के तनाव व थकान को दूर करने के लिए भरपूर नींद लें।
- दोपहर या धूप में बाहर निकलें तो सन ग्लासेज पहनें।
- सोते सोते स्क्रीन पर कम से कम देखें।
- चलते वाहन (कार, गाड़ी, बस, ट्रेन आदि) में मोबाइल फोन या लैपटॉप स्क्रीन के इस्तेमाल से बचें।
- यदि दृष्टि में कोई परिवर्तन, प्रकाश की चमक या धुंधलापन जैसा कुछ महसूस होता है, तो तुरंत अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें।
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप व अन्य बीमारियों की समय पर जाँच व उपचार करवाएं।
आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
आंवला -
आंवला, या भारतीय गूजबेरी, प्रकृति के सुपरफूड्स में से एक है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आंवले का उपयोग सदियों से पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है, मुख्यतः खराब दृष्टि के उपचार के लिए। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि आंवला आंखों की बीमारी और स्मार्ट स्क्रीन से यूवी प्रकाश के संपर्क में आने से होने वाले मोतियाबिंद के जोखिम दोनों को कम कर सकता है। कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर इसका उपयोग करें।
नेत्र-ज्योति बढ़ाने के लिए विशेष विधि से तैयार किये गए आंवले के कैप्सूल के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें या हमसे सम्पर्क करें।
सहजन की पत्तियां -
सहजन की पत्तियां विटामिन ए का अच्छा स्रोत होती हैं, जिससे आंखों का लाल होना कम हो जाता है, तथा आंखों में हुए नुकसान की मरम्मत होती है।
गुलाब जल -
आंखों को ठंडक देने के साथ-साथ एंटी-बैक्टीरियल भी होता है।
भीमसेनी कपूर -
यह सबसे शुद्ध कपूर होता है, आंखों को ठंडक व ताजगी प्रदान करता है।
बिलबेरी व ब्लूबेरी -
बिलबेरी एंथोसायनिन व अन्य एंटीऑक्सिडेंट का उच्च स्रोत है - जो हमारी आंखों के आसपास की कोशिकाओं में रक्त संचरण में वृद्धि करते हैं, उम्र से संबंधित दृष्टि कमज़ोरी को कम करते है, रेटिना को पतला व कमजोर होने से रोकते हैं, व रात्रिकालीन दृष्टि में सुधर करते हैं।
ब्लूबेरी या काले शहतूत में पाया जाने वाला मोरिन रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने व प्रदूषण के कारण रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने के लिए जाना जाता है।
गोजी बेरीज -
गोजी बेरीज में विटामिन सी, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटेशियम सहित महत्वपूर्ण विटामिन एवं खनिज होते हैं जो हमारी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ये आंखों के तनाव (एस्थेनोपिया) व सर्दियों में सूर्य के प्रकाश की कमी के कारण होने वाले "विंटर ब्लूज़" को कम करते हैं।
पालक व अन्य पत्तेदार सब्जियां -
फोलेट की कमी से मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। पालक व अन्य पत्तेदार सब्जियां फोलेट (बी-विटामिन का एक प्रकार, जो कोशिका वृद्धि व मूड को स्थिर बनाए रखने के लिए आवश्यक है) का अच्छा स्रोत होती हैं।
पत्तेदार सब्जियां ल्यूटिन व ज़ेक्सैन्थिन भी प्रदान करते हैं जो हानिकारक यूवी किरणों को फ़िल्टर करते हैं, जिससे त्वचा कैंसर का खतरा कम होता है।
दही -
तनाव, चिंता व अधिक भाग-दौड़ के समय शरीर में लैक्टोबैसिलस नामक लाभदायक जीवाणु का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) व पाचन तंत्र प्रभावित हो सकते हैं।
ऐसे समय में धूल और धुंध के संपर्क से आंखों में जलन व अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
अतः दही का नियमित सेवन करते रहें क्योंकि दही लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया से भरपूर होता है।
हेज़लनट्स -
हेज़लनट्स में फाइटोस्टेरॉल होते हैं जो रक्त वाहिकाओं के भीतर कोलेस्ट्रॉल के जमने को रोकने में मदद करते हैं, इसलिए एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी की दीवारों का सख्त होना) की संभावना को कम करते हैं।
मैग्नीशियम से भरपूर हेज़लनट्स अपने एंटीहाइपरटेन्सिव गुणों के कारण गर्भावस्था के दौरान प्री-एक्लेमप्सिया को भी रोक सकते हैं।
कैट'स क्लॉ (Cat's Claw) -
यह एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग अक्सर चीनी दवा में जोड़ों के दर्द एवं आंतों के संक्रमण, कब्ज आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
हाल ही में कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यह आंखों के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है, विशेष रूप से मैकुलर डिजनरेशन के लिए, जो वृद्ध लोगों में अंधेपन का एक सामान्य कारण है।
मल्टी-विटामिन - यदि संभव हो तो दृष्टि बढ़ाने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की अतिरिक्त मात्रा युक्त संतुलित मल्टी-विटामिन लेने का प्रयास करें।
A Secret Tip
डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी है!
यह फ्लेवनॉल्स का एक अच्छा स्रोत है, जो आंखों में रक्त के प्रवाह में सुधार कर सकता है और उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन से बचा सकता है।
नोट - कृपया कोई भी नुस्खा उपयोग में लेने से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
सहजन, भीमसेनी कपूर, गुलाब जल व नेत्र ज्योति बढ़ाने में सहायक अन्य जड़ी-बुटियों से बनी आयुर्वेदिक आई ड्रॉप जो स्मार्ट स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से थकी आँखों को आराम दे, की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें या हमसे सम्पर्क करें।
आंवला, गोजी बेरीज, ब्लूबेरीज सहित 14 बेरीज से बने विश्व के सर्वोत्तम एंटीऑक्सिडेंट व मिनरल-विटामिन पेय की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें या हमसे सम्पर्क करें।
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