अब नहीं रहेगा घुटनों का दर्द, घुटनों का दर्द मिटाने के 9 तरीके(9 WAYS TO ALLEVIATE KNEE PAIN)
घुटनों का दर्द आजकल आम समस्या हो गई है। अगर आप भी घुटनों के दर्द से परेशान हैं एवं इलाज के नाम पर हजारों लाखों खर्च कर चुके हैं फिर भी संतुष्ट नहीं है तो इस लेख को अच्छी तरह पढिये।
KNEE PAIN |
घुटनों के दर्द से संबंधित कुछ तथ्य ( Knee Pain facts)
- घरेलु, कामकाजी ,खिलाड़ी, युवा, बुजुर्ग, महिला, पुरूष सभी घुटनों के दर्द से पीड़ित हो सकते हैं।
- दर्द मंद, तीव्र या असहनीय, नया या पुराना हो सकता है।
- एक या दोनों घुटने प्रभावित हो सकते हैं, प्राय: बायां घुटना अधिक प्रभावित होता है।
- घुटनों का दर्द- घुटनों के जोड़, घुटनों की अस्थियां या आसपास के उत्तकों या इन सभी के प्रभावित होने से होता है।
- यह स्वतः ठीक हो सकता है, अन्यथा एलोपैथी, फीजियोथैरेपी, शल्य चिकित्सा द्वारा दर्द कम किया जा सकता है।
- यथाशीघ्र आयुर्वेद एवं विशेष जीवनशैली अपनाकर इसे बिल्कुल ठीक भी किया जा सकता है।
घुटना दर्द - कारण (knee Pain reason)
घुटनों की जटिल संरचना (उपर नीचे की तीन अस्थियां व एक अतिरिक्त आगे की हड्डी पटेला, लिगामेंट, टेन्डन, उपास्थि आदि) , पांव में स्थिति, जोड़ का सर्वाधिक उपयोग, शरीर के वजन के संतुलन हेतु मुख्य जोड़ आदि कई कारणों से इस जोड़ के प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक होता है। प्रमुख कारण इस प्रकार है -
- चोट ( Injury) से स्नायु ( Ligaments) फटना, उपास्थि में घाव होना, हड्डी फ्रैक्चर होना, जोड़ खुल जाना (dislocation)।
- मोच या खिंचाव (sprain) - घुटनों के आसपास के उत्तकों का खिंचाव या फटना।
- मोटापा।
- घुटनों का अधिक उपयोग या भारी कार्य ( धावक, एथलीट) से चोट, मोच या सूजन (bursitis)।
- लंबे समय तक घुटनों का एक ही स्थति में रहना।
- अंदरुनी बीमारियां - गठिया /संधिवात (osteoarthritis, rheumatoid arthritis, Gout, Infection आदि) व अन्य।
गठिया या संधिवात या arthritis व उसके विभिन्न प्रकार, कारण, लक्षण, उपचार आदि के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह लिंक खोलेें -
घुटना दर्द - लक्षण (Knee Pain symptoms)
- घुटनों में या आसपास दर्द, सूजन, जकड़न।
- घुटने जाम होने से चलते समय लड़खड़ाहट हिलने-डुलने, सीढियां चढने , घुटने मोड़ने में परेशानी।
- शरीर का वजन व झुकाव अप्रभावित पांव की तरफ होना।
- कभी कभी चोट आदि के तेज दर्द के साथ बुखार भी हो सकता है।
पहचान / निदान ( Diagnosis of knee pain)
- लक्षणों से।
- इतिहास (कार्य करने के तरीके, आदतें, नई पुरानी चोट)।
- शारीरिक परीक्षण (विशेषज्ञ द्वारा)।
- लैब टैस्ट - घुटनों के द्रव्य, रक्त का।
- एक्स-रे व अन्य इमेजिंग तकनीक (MRI आदि) से।
घुटना दर्द - इलाज ( Treatment of knee Pain )
- कुछ चोट व मोच स्वत: ठीक हो जाती है।
- आराम (Rest) व पांव को उंचाई पर रखना (Elevation - पांव या घुटने के नीचे तकिया रख कर)।
- बर्फ का सेक (Ice pack)।
- कस कर पट्टी बांधना (Compression Bandaging), गर्म पट्टी या नी-केप (इलास्टिक पट्टी)।
- स्ट्रेचिंग व मालिश, फिजीयोथैरेपी।
- दर्द निवारक व सूजनरोधी औषधियां (NSAIDs, Steroids, Narcotics)।
- कुछ एन्जाइम जैसे हायलूरोनिडेज, ग्लूकोसामाइन, कॉन्ड्रॉइटिन सल्फेट आदि जोड़ के भीतरी घाव भरने में मददगार हो सकते हैं।
- शल्य क्रिया - टूटे-फटे उत्तकों को पुनः जोड़ना, टूटे उत्तकों या हड्डी के टुकड़ों को हटाना, जोड़ प्रत्यारोपण आदि।
ये 9 कार्य कर लिए तो, घुटने अवश्य सही होंगे:-
- दिन में 2 से 3 बार आयुर्वेदिक जेल व आयुर्वेदिक तेल से मालिश। आयुर्वेदिक जेल में ये तत्व होने चाहिए - गंधपुरा, देवदारु, सलाय गुग्गुल, नीलगिरि, अरंड, कायापुट्टी, पुदीना, मिर्च व रसना। आयुर्वेदिक तेल तेलपाक विधि से बना हुआ होना चाहिए। सुबह की मालिश के बाद गुनगुने पानी से स्नान करें। अधिक चिकनाई हटाने के लिए बेसन काम में ले सकते हैं, साबुन का उपयोग ना करें।
- आयुर्वेदिक औषधी जो दर्द, सूजन कम करने के साथ साथ जोड़ द्रव्य (ग्रीस) बढाए। सल्लाकी, लौंग, सहजन, पुनर्नवा, हल्दी, सुंठी आदि से बने उत्पाद काम में ले।
- शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए उच्च गुणवत्ता का आयुर्वेदिक एंटीऑक्सीडेंट तरल का सेवन करें।
- यात्रा, चढाई एवं दौड़ते - खेलते समय अर्थात् जब घुटनों में गति की अधिक आवश्यकता हो, इलास्टिक पट्टी यानि नी-केप अवश्य पहनें। आराम व सोते समय नहीं पहनें।
- घुटनों को 90' से कम ना मोड़ें - कुर्सी, सोफा, पलंग पर पांव लटका कर बैठें, जमीन पर बैठना हो तो पांव फैला कर या सीधे रख कर बैठें, मोड़ कर ना बैठें।
- यूरोपियन शैली का शौचालय (खड़ा कमोड) ही उपयोग करें। अगर आदत नहीं है तो हो सकता है शुरू में कुछ दिन समस्या हो लेकिन बाद में नहीं होगी।
- कोशिश करें - सीढियां या चढाई पर ना चढें। अगर जरूरी है तथा एक ही घुटनें में तकलीफ है तो चढते समय अप्रभावित (सही) पांव पहले रखें, इसी प्रकार उतरते समय प्रभावित पांव पहले रखें। दोनों घुटने खराब है तो रैलिंग, वॉकर या लाठी का सहारा ले सकते हैं।
- लम्बे समय तक खड़े नहीं रहें एवं एक ही स्थिति में ना बैठे।
- अपनी सुविधा व रूचि अनुसार हल्का व्यायाम, ध्यान, खेल, नृत्य, तैराकी, सुबह की सैर या दौड़ अवश्य करें। इनसे जोड़ के आसपास के उत्तक व मांसपेशियां लचीले व मजबूत बनते हैं व रक्त संचार बढने से दर्द में राहत मिलती है।
नोट:-
(1). उपरोक्त में से प्रथम तीन यानि आयुर्वेदिक उत्पाद 3 - 6 महीने तक ही लक्षण अनुसार उपयोग करें, शेष कार्य अपनी जीवन शैली में हमेशा के लिए अपनाएं।
(2). आयुर्वेदिक उत्पाद (जेल, तेल, दर्द निवारक कैप्सूल व विश्व का श्रेष्ठ एंटीऑक्सीडेंट) प्राप्त करने के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें व विशेष छूट प्राप्त करें अथवा ई-मेल करें
(3). असहनीय दर्द व गंभीर रोगी तथा शल्य चिकित्सा के लायक मरीज कृपया विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें व उपचार करवाएं तत्पश्चात् यहाँ दिए 9 कार्य हमसे संपर्क करके शुरू करें।
(4). अस्थि-संधिवात osteoarthritis की स्थित में व्यायाम आदि शुरू में ना करें।
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